बूढ़ी माई मंदिर भूमि का सीमांकन शुरू, कार्य अधूरा, 17 दिसंबर को फिर होगा सीमांकन

स्वाभिमान न्यूज़ | आँजनेय पांडेय, कैफ खान

रायगढ़। बहुप्रतीक्षित बूढ़ी माई मंदिर की भूमि का सीमांकन कार्य सोमवार को दोपहर 12 बजे से प्रारंभ किया गया। सीमांकन की शुरुआत रेलवे फाटक से होकर रुक्मणि विहार तक की गई। इस दौरान रुक्मणि विहार, सिद्धेश्वर नेत्रालय, अघरिया सदन सहित आसपास के क्षेत्रों की नापजोख की गई तथा नक्शे के अनुसार पॉइंट बनाकर मौके पर मिलान किया गया।




सीमांकन कार्य में राजस्व विभाग के आरआई, पटवारी एवं संयुक्त जांच दल के अधिकारी उपस्थित रहे। वहीं बूढ़ी माई मंदिर ट्रस्ट की ओर से अध्यक्ष श्री देवेंद्र पाण्डेय, श्री राजू पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु व स्थानीय लोग मौजूद रहे।




राजस्व विभाग द्वारा शाम को पंचनामा तैयार किया गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि आज दिनांक 15.12.2025 को न्यायालय तहसीलदार रायगढ़ के प्रकरण क्रमांक 9168/2025, दिनांक 29.10.2025 के आदेश के तहत आवेदक बूढ़ी माई मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री देवेंद्र पाण्डेय एवं अन्य उपस्थित व्यक्तियों के समक्ष खसरा नंबर 24/1, 25/1, 36, 37 एवं 52, कुल रकबा 2.954 हेक्टेयर भूमि का सीमांकन नक्शे के अनुसार मौके पर चिन्हांकन कर बताया गया।


पंचनामा में यह भी उल्लेख है कि सूर्यास्त हो जाने के कारण नियमानुसार सीमांकन कार्य पूर्ण नहीं हो सका। इस कारण शेष सीमांकन कार्य बुधवार 17 दिसंबर 2025 को प्रातः 10 बजे पुनः उपस्थित होकर किए जाने का निर्णय लिया गया। पंचनामा को पढ़कर सुनाया गया तथा उपस्थित सभी संबंधित व्यक्तियों के हस्ताक्षर लिए गए।


उल्लेखनीय है कि लंबे समय से विवादित रही बूढ़ी माई मंदिर की भूमि के सीमांकन को लेकर क्षेत्रवासियों और मंदिर ट्रस्ट में विशेष उत्सुकता बनी हुई है। अब सभी की निगाहें 17 दिसंबर को होने वाले शेष सीमांकन कार्य पर टिकी हैं।

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