स्वाभिमान न्यूज़ | आँजनेय पांडेय, कैप खान
लैलूंगा। धान उपार्जन केंद्रों में टोकन काटने की लिमिट नहीं बढ़ाए जाने से क्षेत्र के किसान भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित है, लेकिन कार्य दिवसों की संख्या सीमित होने और टोकन लिमिट यथावत रहने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं।
जानकारी के अनुसार दिसंबर माह में धान उपार्जन केंद्रों में मात्र 8 कार्य दिवस और जनवरी में केवल 19 कार्य दिवस ही निर्धारित हैं, शेष दिन अवकाश होने के कारण खरीदी नहीं हो पा रही है। इसके बावजूद अब तक विकासखंड लैलूंगा के धान उपार्जन केंद्रों में टोकन काटने की लिमिट नहीं बढ़ाई गई है। किसान प्रतिदिन उपार्जन केंद्र पहुंचकर प्रबंधकों और कर्मचारियों से लिमिट बढ़ने की जानकारी लेते हैं, लेकिन उन्हें यही जवाब मिल रहा है कि इस संबंध में जिला स्तर पर पत्राचार किया जा चुका है और निर्णय उच्च अधिकारियों के हाथ में है।
किसानों का कहना है कि टोकन न मिलने के कारण उन्हें अपनी मेहनत से उपजाई गई फसल घर में रखनी पड़ रही है। इससे न केवल फसल खराब होने का डर है, बल्कि बैंक ऋण चुकाने और आगे की कृषि तैयारी में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। किसानों का आरोप है कि उनकी समस्याओं को लेकर न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी गंभीरता दिखा रहा है और न ही जनप्रतिनिधि।
इस मामले में पूर्व विधायक चक्रधर सिंह सिदार ने कहा कि वे स्वयं किसान हैं और किसानों के दर्द को भली-भांति समझते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में हर संभव प्रयास करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो जिला मुख्यालय जाकर कलेक्टर से व्यक्तिगत रूप से भी निवेदन करेंगे।
पूर्व विधायक चक्रधर सिंह ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि विकासखंड लैलूंगा के धान उपार्जन केंद्रों में तत्काल टोकन काटने की लिमिट बढ़ाई जाए, ताकि किसान समय रहते समर्थन मूल्य पर अपनी धान की बिक्री कर सकें और आर्थिक संकट से उबर सकें।

