रिपोर्ट - ललित मुखर्जी, 91111 94424
पिथौरा (स्वाभिमान न्यूज़)। स्थानीय मजदूर दलाल के कार्यालय में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में मृतक के परिजनों ने शनिवार को किये दिनभर के विरोध प्रदर्शन के बाद, पुलिस ने आखिरकार तीन लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
मामला 35 वर्षीय जलंधर यादव की मौत का है, जिनका शव 19 सितंबर की शाम को मजदूर दलाल घनश्याम (धन्नू) राजपूत के स्वास्तिक नामक ऑफिस के एक कमरे की खिड़की से लटका मिला था। इसके बाद से ही मृतक के परिजन इसे हत्या बताते हुए लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
शनिवार, 20 सितंबर को, परिजनों और स्थानीय लोगों ने थाने के सामने जमकर प्रदर्शन किया। बढ़ते दबाव के बीच, देर शाम पुलिस ने मजदूर दलाल घनश्याम (धन्नू ) राजपूत और उसके दो सहयोगियों, हीरालाल यादव और बदन सिन्हा को मुख्य आरोपी बनाते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 127 (2), 140 (3), 108, और 3 (5) के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के दौरान और भी नाम सामने आ सकते हैं। वहीँ प्राथमिकी दर्ज होने के कुछ ही घंटों बाद, रात करीब 10 बजे पुलिस ने तीनों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
परिजनों ने लगाया अपहरण का आरोप
मृतक जलंधर यादव के परिजनों का आरोप है कि 17 सितंबर को किशनपुर स्थित उनके घर से मजदूर दलाल के चार लोग जबरन जलंधर को एक कार में बैठाकर ले गए थे। इसके तीन दिन बाद, 19 सितंबर को उनकी लाश फांसी के फंदे पर लटकी मिली। परिजनों ने शुरू से ही हत्या की आशंका जताते हुए निष्पक्ष जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
नियमों को ताक पर रखकर होता है मजदूरों का पलायन
इस घटना ने एक बार फिर महासमुंद जिले में सक्रिय मजदूर दलालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नियमों के अनुसार, जिन मजदूरों को दूसरे राज्यों में काम के लिए भेजा जाता है, उनका श्रम विभाग में पंजीयन, स्वास्थ्य परीक्षण तथा बीमा होना अनिवार्य है।
पलायन की दलाली से कई मजदूर दलाल बने करोड़पति
हालांकि इन सभी नियमों को ताक पर रखकर मजदूर दलालों द्वारा बड़े पैमाने पर मजदूरों का पलायन कराया जाता है। जिले से मजदूरों को उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में ले जाया जाता है, जहाँ कई बार उन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराने की भी खबरें सामने आती हैं। स्वाभिमान न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार कुछ मजदुर दलालों के पास सीमित संख्या में मजदूरों को ले जाने का लाइसेंस तो होता है, लेकिन उसकी आड़ में वे हजारों मजदूरों को अवैध रूप से भेजकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाते हैं।
इस अवैध कारोबार के चलते महासमुंद जिले के कई मजदूर दलालों की संपत्ति करोड़ों में है। यदि संबंधित विभाग इन मजदूर दलालों की संपत्ति की निष्पक्षता से जांच करे, तो करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति कुर्क हो सकती है।
क्रमशः भाग दो में पढ़े विस्तृत ख़बर ....

