जगदलपुर (स्वाभिमान न्यूज़)। शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे) ने छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय के प्लेसमेंट कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर तीखा रुख अपनाते हुए ठेका कंपनियों और प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हड़ताल के चलते आम जनता की आवश्यक सेवाओं पर पड़ रहे असर के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों और संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
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फोटो - अरुण पांडेय |
जिला अध्यक्ष अरुण पांडे ने कहा कि ठेका कंपनियों ने अनुबंध में स्पष्ट शर्तें स्वीकार की थीं कि वे आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे और उनके कर्मचारी सरकारी नौकरी की मांग को लेकर हड़ताल पर नहीं जाएंगे। इसके बावजूद कर्मचारियों ने पानी आपूर्ति जैसी जरूरी सेवाओं को ठप कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह न केवल अनुबंध का उल्लंघन है, बल्कि जनता के साथ विश्वासघात भी है।
प्रशासन पर सवाल उठाए
अरुण पांडे ने नगर निगम आयुक्त, जिला कलेक्टर और राज्य के नगरीय निकाय सचिव से यह पूछा है कि ठेका कंपनियों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसियों का काम हर परिस्थिति में कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। हड़ताल के बावजूद अगर वे इसमें असफल हो रही हैं, तो उन्हें ब्लैकलिस्ट करना चाहिए।
जनता के प्रति जिम्मेदारी पर जोर
शिवसेना ने स्पष्ट किया कि आम जनता की सुविधा किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को उनकी अनुचित मांगों के चलते बढ़ावा देने से प्रशासन की साख पर सवाल उठेंगे।
सरकारी नौकरी की मांग अनुचित
शिवसेना का कहना है कि प्लेसमेंट कर्मचारी कलेक्टर दर पर अस्थायी आधार पर काम करते हैं। उन्हें पहले ही यह स्पष्ट किया गया था कि यह सरकारी नौकरी नहीं है। अब चुनावी माहौल का फायदा उठाते हुए वे अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं, जो अनुचित और गैरकानूनी है।
शिवसेना ने प्रशासन से तत्काल कदम उठाने और ठेका कंपनियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि नगरीय निकायों की आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकें।