स्वाभिमान न्यूज़, संवाददाता।
कसडोल, 26 नवम्बर । लंबे समय से बारनवापारा और कोठारी अभ्यारण्य क्षेत्र में स्वच्छंद रूप से घूम रहे बाघ को आज वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर लिया। रेस्क्यू ऑपरेशन की अगुवाई डीएफओ मयंक अग्रवाल ने की। बाघ को ट्रेंकुलाइजर गन का उपयोग कर बेहोश किया गया और अपने कब्जे में लिया गया। इसे रायपुर के जंगल सफारी या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर भेजने की तैयारी हो रही है।
- 8 महीने बाद वन विभाग ने बाघ को किया रेस्क्यू
- ग्रामीण ने शौचालय में छुपकर बचाई जान
- ट्रेंकुलाइजर गन से बाघ को बेहोश किया गया
- हजारों ग्रामीणों की मौजूदगी में सुरक्षा घेरे में ऑपरेशन
ग्रामीणों में भय और उत्सुकता का माहौल
लगभग 8 महीने से क्षेत्र में सक्रिय इस बाघ को लेकर ग्रामीणों में भय का माहौल था। वन विभाग ने इसे लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया था और ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी थी। बीते दिन 25 नवंबर को लवन क्षेत्र में इसे देखा गया, जिसके बाद आज सुबह यह कसडोल के पास ग्राम कोट (क) में देखा गया।
ग्राम कोट (क) में आशीष कुमार यादव नामक युवक ने सुबह 8 बजे बाघ को विनोद के बाड़ी में देखा। बाघ से लगभग 5 मीटर की दूरी पर खुद को पाकर उसने तुरंत समीप के शौचालय में छुपकर अपनी जान बचाई। इसके बाद बाघ गोरधा होते हुए कसडोल के पारस नगर सेक्टर 01 तक पहुंच गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन में वन विभाग को मिली सफलता
वन विभाग की रेस्क्यू टीम बाघ पर लगातार नजर बनाए हुए थी। बाघ की धीमी चहल-कदमी का फायदा उठाकर टीम ने ट्रेंकुलाइजर गन से निशाना लगाया और उसे बेहोश कर लिया। रायपुर से आई विशेषज्ञ टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
सुरक्षा घेरे में हुआ रेस्क्यू
बाघ को पकड़ने के दौरान वन विभाग ने इलाके में सुरक्षा घेरे की व्यवस्था की थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इस दौरान हजारों की संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद थे। वन विभाग, पुलिस विभाग, और डॉक्टरों की टीम ने मिलकर यह कार्य पूरा किया।
फिलहाल रेस्क्यू किए गए बाघ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उसे सुरक्षित स्थान पर भेजने की प्रक्रिया जारी है। इस सफल रेस्क्यू के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है।