आँजनेय पांडेय, रायगढ़ : मेसर्स माँ काली एलायज उद्योग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रायगढ़ जिले के देलारी और सरायपाली गांवों में प्रस्तावित स्टील प्लांट विस्तार की जनसुनवाई को लेकर भारी विरोध सामने आ रहा है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने आरोप लगाया है कि इस परियोजना से क्षेत्र में जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण में बढ़ोतरी होगी, जिससे जल, जंगल, जमीन, पशु और मानवजाति सभी के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।
इस प्लांट के विस्तार में स्पंज आयरन, पावर प्लांट और रोलिंग मिल जैसे बड़े उत्पादन इकाइयों का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। विरोध करने वालों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले से ही 73 से अधिक स्पंज आयरन और पावर प्लांट्स हैं, जिनसे पहले से ही प्रदूषण की समस्या विकराल हो चुकी है।
विरोधकर्ताओं ने पर्यावरण अध्ययन में खामियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि स्थानीय प्रभावितों, जिनमें सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित कई लोग शामिल हैं, का कोई जिक्र नहीं है। इसके अलावा, जलस्तर में भारी गिरावट और वन क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है, जो आदिवासी समुदाय के जीवन पर सीधा असर डालेगा।
स्थानीय जनता और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि क्षेत्र में नए उद्योगों की स्थापना से प्रदूषण और दुर्घटनाओं में और वृद्धि होगी, जो पहले से ही स्थानीय जनता के स्वास्थ्य और जीवन पर बुरा असर डाल रही है। उन्होंने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और प्रशासन से आग्रह किया है कि इस जनसुनवाई को निरस्त कर पर्यावरणीय संरक्षण के मापदंडों का सख्ती से पालन किया जाए।