आँजनेय पांडेय, रायगढ़: शहर में पानी की भारी बर्बादी जारी है, जबकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी झेलनी पड़ रही है। टीपाखोल डैम की दीवारों में हो रहे लीकेज और जल संसाधन विभाग की लापरवाही के चलते यह समस्या गंभीर होती जा रही है। रायगढ़ नगर निगम के आयुक्त ने कार्यपालन अभियंता (ईई) सुशील गुप्ता को पत्र लिखकर इस समस्या को हल करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं हो पाया है।
बेकार बह रहा डैम का पानी
टीपाखोल डैम का निर्माण 1975 में सिंचाई के उद्देश्य से हुआ था, लेकिन वर्तमान में डैम का पानी लीकेज के कारण शहर के ड्रेनेज सिस्टम में जा रहा है। नगर निगम के निरीक्षण में पाया गया कि ओवरफ्लो के कारण पानी नाले में बह रहा है, जिससे केलो नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। किसानों की शिकायत है कि इस बेकार बहने वाले पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए किया जा सकता था।
अतिक्रमण और खनन की समस्याएँ
डैम के आसपास की जमीन पर अवैध खनन और नहरों पर अतिक्रमण भी गंभीर समस्या बन चुके हैं। जल संसाधन विभाग की ओर से इन अतिक्रमणों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यहां तक कि रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय में धूल खा रही है, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है।
जल संसाधन विभाग की प्रतिक्रिया
ईई सुशील गुप्ता ने कहा कि ओवरफ्लो से पानी बहने की समस्या पुरानी है, और इसे रोकने के लिए डायवर्सन बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। हालांकि, नगर निगम के कई पत्रों और चेतावनियों के बावजूद जल संसाधन विभाग से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है।
टीपाखोल डैम की बिगड़ती स्थिति और जल संसाधन विभाग की लापरवाही के कारण न केवल जल की बर्बादी हो रही है, बल्कि शहर में प्रदूषण की समस्या भी गंभीर हो रही है। ग्रामीणों और किसानों को उम्मीद है कि विभाग जल्द से जल्द समाधान करेगा और इस पानी का सही उपयोग किया जा सकेगा।