महासमुंद। बसना तहसील के ग्राम भँवरपुर में शासकीय मद की आरक्षित भूमि के खरीदी-बिक्री का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। ग्राम भँवरपुर में खसरा नं. 822 और 831 की भूमि, जो "मुर्दा मवेशी चीरने और पीडब्ल्यूडी सड़क" के लिए आरक्षित थी, को षड्यंत्रपूर्वक खरीदी-बिक्री कर जल्दबाजी में नामांतरण करने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के खिलाफ ग्रामवासियों ने आपत्ति जताते हुए नामांतरण पर रोक की मांग की है।
नायब तहसीलदार कोर्ट में तेजी से हो रही सुनवाई, 6 दिनों के भीतर हो चुकी 4 पेशी
आश्चर्यजनक रूप से नायब तहसीलदार भँवरपुर के न्यायालय में इस मामले की 6 दिनों में 4 सुनवाई हो चुकी हैं, जबकि सामान्यत: ऐसे मामलों में महीनों लग जाते हैं। विरोध करने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपनी आपत्तियों पर सही ढंग से सुनवाई का अवसर नहीं दिया जा रहा।
इस मामले में ग्राम भँवरपुर के तीन आपत्तिकर्ताओं द्वरा नामांतरण में आपत्ति प्रस्तुत की गई लेकिन आपत्तिकर्ताओं द्वारा सिर्फ 1 पेशी में अनुपस्थित होने के कारण अनुपस्थिति का बहाना बनाकर उनकी आपत्तियों को एकतरफा रूप से खारिज कर दिया गया, जिससे ग्रामीणों में असंतोष और बढ़ गया है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर से की न्याय की अपील
ग्रामवासियों ने जन समस्या निवारण शिविर में कलेक्टर के समक्ष इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें नामांतरण प्रक्रिया पर रोक लगाने और गहन जांच की मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यह शासकीय भूमि के साथ अन्याय हो रहा है और वे इस मामले की उचित जांच चाहते हैं।