स्वाभिमान न्यूज़ | ललित मुखर्जी
महासमुंद। सरायपाली ब्लॉक के अंतिम छोर पर स्थित ग्राम जंगलबेड़ा में हीरा ग्रुप की कंपनी गोदावरी पावर एंड स्पात द्वारा 450 एकड़ सरकारी भूमि पर प्रस्तावित सोलर पावर प्लांट को लेकर विवाद गहरा गया है। कंपनी इस भूमि में सूर्य की रोशनी से विद्युत उत्पादन हेतु विशाल सोलर प्लांट स्थापित कर रही है। इसके लिए कंपनी ने लगभग 200 पेड़ों की कटाई की अनुमति एसडीएम सरायपाली से मांगी है।
मिली जानकारी अनुसार ग्राम जंगलबेड़ा की खसरा नंबर 248, 314 और 391 की जमीन को कंपनी द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग से 100 वर्षों की लीज पर लिया गया है। लेकिन इस भूमि पर आंवला सहित कई फलदार और उपयोगी वृक्ष मौजूद हैं जिनकी कटाई की मांग कंपनी ने की है। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग दो माह पहले कंपनी ने बिना अनुमति के ही पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी, जिसे ग्रामीणों के विरोध के बाद रोकना पड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि सोलर प्लांट लगाने से गाँव को कई प्रकार की क्षति होगी। यह शासकीय भूमि वर्षों से ग्रामीणों के निस्तारी उपयोग की रही है, यहां वे पशुओं को चराते हैं, खेलकूद करते हैं और भविष्य में स्कूल-कॉलेज निर्माण की संभावना भी देखते हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सोलर प्लांट लगने के बाद गर्मी के दिनों में गाँव का तापमान बढ़ जाएगा, जिससे पर्यावरणीय असंतुलन की आशंका है। इसी वजह से ग्रामीण लगातार इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं और काम रुकवाने हाई कोर्ट में याचिका भी दायर कर चुके हैं।\
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा कंपनी को एनओसी प्रदान नहीं की गई, इसके बावजूद कंपनी जबरन और अवैध तरीके से सोलर प्लांट लगाने का कार्य कर रही है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि सरकार की है और ग्रामवासियों के उपयोग में आती है, इसलिए इसे किसी निजी कंपनी को सौंपना जनहित के खिलाफ है।



