रिपोर्ट - ललित मुखर्जी , 91111 94424
पिथौरा (स्वाभिमान न्यूज़)। पिथौरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत सांकरा सर्कल में वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 53 के किनारे करोड़ो कि बेसकीमती जंगल की अवैध कटाई कर अब जंगल के भीतर खेती किसानी का काम हो रहा है। जंगल की रक्षा करने वाले वन सिपाही वनों की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। यहां वन रक्षक सोहन यादव की लापरवाही का खामियाजा पूरे देशवासियों को भुगतना पड़ रहा है। एवं इनकी कार्यशैली से वन विभाग कटघरे में खड़ा है।
नेशनल हाइवे 53 के किनारे कक्ष क्र. 257 में कई एकड़ जंगल काटकर अब खेती किसानी का कार्य किया जा रहा है। रोड़ से तो पूरा घना जंगल दिखता है। लेकिन अंदर तरफ पूरा खोखला हो चुका है। यह जंगल रो रहा है। आंसू बहा रहा है। कि कोई जंगल के पेड़ काटने से बचाये। लेकिन यहां तो रक्षक ही भक्षक बने बैठे हैं। अब तक एक भी कार्रवाई नहीं कि गई है।
वहीं ग्राम विजयमाल की जंगल कक्ष क्र. 259 का जंगल भी चीख पुकार कर रही है। यहां भी कई एकड़ जंगल हाल ही में कटे हैं। लेकिन फॉरेस्ट गार्ड सोहन यादव गहरी निद्रा में हैं। मानों उन्हें जंगल से कोई वास्ता ही नहीं है। पेड़ कटने से रोकने के लिए अब - तक कोई पहल नहीं किया गया है। इस जंगल में हजारों पेड़ कट चुके हैं। लेकिन सरकारी तनख्वाह लेने वाले वन रक्षक आराम फरमा रहे हैं। इसी तरह ग्राम माटीदारहा के बांध किनारे जंगलो की कटाई जारी है। यहां करीब 2 एकड़ जंगल कट चुका है। और अभी भी कटाई जारी है। जबकि टेमरी के जंगलों में भी हाल में करीब 4 एकड़ जंगल साफ हो चुका है।
पट्टा पाने के लालच में हो रही वनों की कटाई
इधर वन रकक्ष सोहन यादव ने बताया कि वनों की कटाई हुई है। इसका मुझे कोई जानकारी है। उन्हें बैठक रखकर समझाईस दिया जाएगा। अगर मेरे द्वारा इन पर कार्रवाई की जाएगी तो इन लोगों को वन पट्टा मिल जाएगा। इस लिए POR दर्ज नहीं किया गया है।
वहीं वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत को इस पूरे मामले से अवगत कराने के बाद जांच टीम का गठन किया जा चुका है। और जाँच होना शुरू भी हो चुका है। अब देखना होगा कि गहरी निद्रा में सोए वन रक्षक के विरुद्ध वन विभाग के आलाधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं। एवं जंगल के अंदर हो रहे खेती के फसलों को कब तक नष्ट किया जाता है।