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फ़ोटो - पुलिस को ज्ञापन देते पत्रकारगण |
पिथौरा (स्वाभिमान न्यूज़)। निजी बस संचालकों के मनमानी के चलते यात्री परेशान हैं। राजधानी रायपुर से सरायपाली कि ओर राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर चलने वाली अधिकांश यात्री बस, बस स्टैंड में न आकर बाईपास ही यात्रियों को उतार दिया जाता है। जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पिथौरा बस स्टैंड से लहरौद एवं अंजलि विद्यालय के पास स्थित बाईपास की दूरी 1 किलोमीटर से भी अधिक है। ऐसे में यात्रियों को सड़क पर ही बस संचालकों के द्वारा उतार दिया जाता है। जिसके कारण नगर पहुंचने के लिए लोग 1 किलोमीटर से भी अधिक दूरी का सफर पैदल ही तय करते हैं।
हाइलाइट्स
- पत्रकार मंदीप होरा द्वारा सोमवार को हड़ताल
- बस में अपमान की घूंट पीकर सफर करने यात्री मजबूर
- बस संचालको के इच्छानुसार किराया वसूली
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फ़ोटो - पत्रकार मंदीप सिंह होरा |
बस संचालकों के मनमानी के विरुद्ध सोमवार से होगा हड़ताल
स्थानीय नागरिकों के द्वारा लंबे समय से प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया जाता रहा है। परंतु समस्या जस का तस बना हुआ है। निजी बस संचालकों की मनमानी से व्याकुल होकर पिथौरा के स्थानीय पत्रकार मनदीप सिंह होरा ने पिथौरा थाना प्रभारी को ज्ञापन सौपकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। ज्ञापन में श्री होरा ने बताया है कि निजी यात्री बस संचालकों के द्वारा पिथौरा बस स्टैंड में ना आकर बाईपास ही गुजरने से लोगों को मजबूरी वस 1 से 2 किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। वहीं बस संचालकों के अभद्र व्यवहार से भी यात्री काफी परेशान है। जिससे व्यथित होकर सोमवार (10 अप्रैल) से थाना परिसर के सामने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
बसों में नहीं लगी है सत्यापित किराया सूची
राजधानी रायपुर से सरायपाली की ओर चल रही यात्री बसों में आरटीओ द्वारा सत्यापित किराया सूची नहीं लगी है। निजी बस संचालकों की मनमानी के आगे आम यात्री बेबस हैं। दोगुना किराया देने के बावजूद यात्रियों को अपमानित होना पड़ता है। बस मालिकों ने सुपर विजन के लिए एजेंटों को रखा है , ये लोग यात्रियों से अभद्र व्यवहार करते हैं। बेबस यात्री अपमान का घूंट पीकर सफर करने को मजबूर हो रहे हैं। यहां दिव्यांगों और स्कूली विद्यार्थियों को भी रियायत नहीं दी जा रही है। बस मालिकों ने अपनी इच्छा अनुसार किराए में वृद्धि कर वसूली में लगे हैं।
हालांकि आरटीओ विभाग ने पूर्व में अधिक राशि किराया लिए जाने की खबर मीडिया में चलने के पश्चात चलानी कार्रवाई की थी, लेकिन अभी तक अधिक किराया वसूली को लेकर जिले में कितनी बसों पर कार्रवाई की गई है, इसका खुलासा नहीं किया है। हैरानी की बात तो यह है कि यहां ना यात्री बस का बीमा , परमिट , फिटनेस चेक किया जा रहा है , ना किराया सूची चस्पा है। अधिकांश बसों में आपातकालीन द्वार , फास्टेड बॉक्स ,स्पीड गवर्नर और अग्निशमन यन्त्र भी नहीं है। ना ही चालक के पास ड्रेस कोड है। आरटीओ बस संचालकों की मनमानी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई भी नहीं कर रहा है। जिससे यात्रीयों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।