मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष बोले– पता नहीं किसका निर्माण, मामला संदिग्ध
रायगढ़ से आँजनेय पाण्डेय के साथ कैफ खान की रिपोर्ट
रायगढ़/दरोगामुड़ा। बूढ़ी माई मंदिर ट्रस्ट की भूमि के सीमांकन को लेकर जहां महीनों से प्रक्रिया अटकी हुई है, वहीं दूसरी ओर इसी जमीन पर अवैध निर्माण तेजी से जारी है। प्रणामी मंदिर के ठीक पास और अघरिया सदन के सामने बनाए जा रहे इस निर्माण को लेकर स्थानीय स्तर पर सवाल उठने लगे हैं।
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष देवेंद्र पांडेय ने मोबाइल पर जानकारी देते हुए बताया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा ट्रस्ट की भूमि पर तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने स्वयं भी पता करने का प्रयास किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि निर्माण कौन करा रहा है। पांडेय ने इस संबंध में औपचारिक शिकायत भी दर्ज कराई है। मामला किसी रसूखदार व्यक्ति से जुड़ा होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि प्रशासनिक निर्देशों और चल रही जांच के बावजूद निर्माण बेखौफ जारी है।
सीमांकन प्रक्रिया अटकी, फिर भी जारी अवैध कब्जा
17 नवंबर तक सीमांकन प्रतिवेदन जमा करने का आदेश
तहसीलदार शिव डनसेना ने भूमि सीमांकन को लेकर राजस्व अमले को सख्त निर्देश जारी किए हैं। आदेशानुसार–राजस्व निरीक्षक विकरण उपाध्याय, खेमराज पटेल, अशोक साहू, जयश्री केशरवानी, नवीन पटेल, तथा हल्का पटवारी रामभजन सास्थी, शुक्ल प्रधान, भूपेंद्र मिरी सहित सभी संबंधित राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारी को 17 नवंबर 2025 तक सीमांकन प्रतिवेदन एवं फील्ड बुक जमा करना अनिवार्य किया है।
भूमि खसरा नंबर और क्षेत्रफल
सिमांकन के लिए निर्धारित ट्रस्ट भूमि निम्न खसरा नंबरों में दर्ज है—
24/1 (0.462 हे.), 25/1 (1.970 हे.), 36 (0.360 हे.), 37 (0.150 हे.), 52 (0.012 हे.)
इन सभी का सीमांकन छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 129 के तहत कराया जाना है। तहसीलदार रायगढ़ द्वारा पूर्व में पारित सीमांकन आदेश को पुनरीक्षण में विधिसंगत न पाते हुए निरस्त किया जा चुका है। अब नए आदेश के अनुसार पुनः सीमांकन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
कब रुकेगा अवैध निर्माण?
ट्रस्ट की भूमि पर चल रहे निर्माण को लेकर मंदिर समिति गंभीर है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि प्रशासन इस अवैध निर्माण को रोकने के लिए कब कार्रवाई करेगा और सीमांकन रिपोर्ट समय पर जमा हो पाएगी या नहीं। स्थानीय लोगों में भी यह चर्चा तेज है कि अगर प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाएगा, तो विवादित भूमि पर अतिक्रमण और बढ़ सकता है।

.jpeg)
