धरना-प्रदर्शन में शामिल निर्दोष लोगों को बलौदाबाजार कांड पर आरोपी बनाएं जाने की विरोध

बलौदाबाजार आगजानी कांड की सीबीआई जांच कराने की मांग

महासमुन्द (स्वाभिमान न्यूज़)। जुन को  सतनामी समाज द्वारा अमरगुफा जैतखाम कांड की सीबीआई जांच की मांग के लिए आयोजित प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन के दौरान रैली में घुसे असामाजिक बाहरी तत्वों द्वारा बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट परिसर के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तोडफ़ोड़ व आगजनी की घटना के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा धरना-प्रदर्शन मे शामिल समाज के निर्दोष पदाधिकारीयों व युवाओं को आरोपी बनाएं जाने एवं जबरदस्ती गिरफतार कर मारपीट करने से आहत महासमुंद के सतनामी समाज के अधिवक्ताओं ने महामहिम राष्ट्रपति व छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर महासमुन्द को छ: बिंदु मे ज्ञापन सौपा हैं।




ज्ञापन मे अधिवक्ताओं ने 10 जुन की हुई आगजनी कांड को सतनामी समाज को बदनाम करने व फंसाने के लिए बाहरी अराजकतत्वों द्वारा षडयंत्र रचने की बात कही गई हैं जिस पर सीबीआई जांच की मांग कराकर षडयंत्रकारीयो की गिरफ्तारी करने की मांग किया है। और धरना-प्रदर्शन में शामिल महासमुंद जिला को साथ विभिन्न जिला के पदाधिकारीयों व समाज के युवाओं के ऊपर कार्यवाही रोकने व गिरफतार लोगो की निशर्त रिहाई की मांग किया गया है। साथ ही पुलिस द्वारा की जा रही बर्बरता पर रोक लगाकर जिम्मेदार पुलिस पर कार्यवाही करने की मांग किया।


गिरौदपुरी धाम के अमरगुफा जैतखाम की घटना की जांच हेतु राज्य शासन द्वारा गठित न्यायिक जांच मे एकल जज के स्थान पर तीन सदस्यी पैनल बनाया जाये जिसमें दो सतनामी समाज के रिटायर जज को शामिल करने।और छत्तीसगढ़ मे विभिन्न जगहों पर सतनामी समाज के आस्था जैतखाम पर तोडफ़ोड़ अपमान करने की घटना पर रोक लगाने और किसी जगह पर घटित घटना पर त्वरित सख्त कार्यवाही करने की मांग किया है।समाज के अधिवक्ताओं ने बलौदाबाजार आगजनी कांड की निंदा करते हुए दुख व्यक्त किया है।साथ ही अधिवक्ताओं ने समाज के निर्दोष लोगों के ऊपर कार्यवाही बंद नही करती और गिरफतार लोगो की निशर्त रिहाई नही करतीं तो प्रदेश भर के सतनामी समाज के अधिवक्ताओं द्वारा संवैधानिक ढंग से प्रदेशस्तरीय धरना-प्रदर्शन करने मजबुर होगी।साथ ही समाज के लोगों को शांति बनाएं रखने की अपील किया है।


ज्ञापन देने वालों मे समाज के प्रमुख अधिवक्ता  दीनाप्रसाद रात्रे,लिंकन कुरील, नंदकुमार जोगी, नरेंद्र ढीढी,दुर्गेश कुमार सायतोडे़,निर्मल कुमार घृतलहरे,दुर्गेश निराला, गुलशन जांगड़े, परमेश्वर बघेल,गजेंद्र निराला,कमल बंजारे व समाज के अधिवक्ता गण शामिल रहे।

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