रिपोर्ट - ललित मुखर्जी, 91111 94424
महासमुंद (स्वाभिमान न्यूज़)। जिले के पिथौरा स्थित विश्राम गृह में रिटायर्ड पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग अधिकारी शशि कुमार डड़सेना ने प्रेसवार्ता कर ग्राम पंचायत के प्रथम सम्मेलन और उपसरपंच निर्वाचन को लेकर प्रशासन की प्रक्रिया को त्रुटिपूर्ण बताया।
डड़सेना ने कहा कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 और निर्वाचन नियम 10 के तहत उपसरपंच के निर्वाचन के बाद ही पंचायत का गठन पूर्ण माना जाता है। लेकिन प्रशासन द्वारा 3 मार्च को बिना उपसरपंच निर्वाचन के ही प्रथम सम्मेलन आयोजित करने का आदेश जारी किया गया है, जो नियमों के खिलाफ है।
क्या कहता है नियम?
- नियम 10 के तहत पहले उपसरपंच का निर्वाचन आवश्यक, इसके बाद ही प्रथम सम्मेलन आयोजित किया जा सकता है।
- धारा 19 के अनुसार, विहित प्राधिकारी उपसरपंच के निर्वाचन के बाद ही नामों का प्रकाशन करता है।
- धारा 20 के तहत प्रथम सम्मेलन की सूचना कम से कम 5 दिन पहले जारी की जानी चाहिए।
27 फरवरी को समाप्त हो रहा पंचायत का कार्यकाल
डड़सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि पंचायत का कार्यकाल 5 साल से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 243 एवं छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9 में इसका स्पष्ट प्रावधान है। 2020 में पंचायत का प्रथम सम्मेलन 28 फरवरी को हुआ था, और इस बार कार्यकाल 27 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है।
यदि 27 फरवरी तक चुनाव नहीं होते, तो पंचायत का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। ऐसे में प्रशासन को स्पष्ट करना होगा कि इस स्थिति में क्या विकल्प रहेगा।
महासमुंद में पिछले दो कार्यकाल भी अवैध?
डड़सेना ने महासमुंद जिले के संदर्भ में कहा कि पिछले दो कार्यकाल में जनपद पंचायत का गठन विधिवत रूप से नहीं हुआ, जो एक गंभीर मुद्दा है।
प्रशासन से सुधार की मांग
शशि कुमार डड़सेना ने प्रशासन से अपील की कि पहले उपसरपंच का निर्वाचन कराया जाए और उसके बाद नियमानुसार प्रथम सम्मेलन आयोजित किया जाए, ताकि कानूनी प्रक्रिया का पालन हो सके।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर त्रुटि को सुधारता है या नहीं।