फरीदाबाद (स्वाभिमान न्यूज़)। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा हरियाणा के सेक्टर 3 स्थित जाट भवन में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस गंभीर बीमारी से संबंधित मिथकों को खत्म करना था।
ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. हृदयेश कुमार ने इस अवसर पर बताया कि इस साल का विषय "सही रास्ता अपनाएं: मेरा स्वास्थ्य, मेरा परिवार" है। यह विषय स्वास्थ्य सेवा तक समान पहुंच और स्वयं के स्वास्थ्य प्रबंधन की दिशा में लोगों को सशक्त बनाने पर जोर देता है।
डॉ. कुमार ने एचआईवी/एड्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है। एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। शुरुआती चरण में लक्षणों का पता नहीं चलता, लेकिन बीमारी के गंभीर स्तर पर पहुंचने पर लगातार बुखार, वजन कम होना, थकान, दस्त और अन्य जटिल लक्षण दिखाई देते हैं।
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:
1. एचआईवी/एड्स से जुड़ी जागरूकता: लोगों को एचआईवी संक्रमण के कारण, लक्षण, रोकथाम और प्रबंधन के उपायों के बारे में बताया गया।
2. मिथकों को दूर करने पर जोर: एचआईवी/एड्स के प्रति समाज में प्रचलित भ्रांतियों को खत्म करने के लिए व्याख्यान और संवाद सत्र आयोजित किए गए।
3. सांख्यिकीय जानकारी: 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 25 लाख से अधिक लोग एचआईवी से ग्रसित हैं। हालांकि, देश ने 2010 के बाद से नए एचआईवी संक्रमणों में 44% की कमी दर्ज की है, जो जागरूकता अभियानों और सरकारी हस्तक्षेप की सफलता को दर्शाता है।
4. उपचार और रोकथाम पर चर्चा: एंटीरेट्रोवायरल दवाओं की भूमिका, संक्रमित गर्भवती महिलाओं के लिए सेवाओं का विस्तार, और उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए रोकथाम सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को एड्स की रोकथाम और प्रबंधन के उपायों के प्रति जागरूक किया गया। ट्रस्ट ने स्वास्थ्य सेवा में प्रगति और एचआईवी/एड्स को समाप्त करने की दिशा में सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करने का संदेश दिया।
डॉ. हृदयेश कुमार ने कहा, “विश्व एड्स दिवस हमें एचआईवी संक्रमित लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा देता है।”
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और एड्स के प्रति अपनी सोच को बदलने तथा इस अभियान में सहयोग का संकल्प लिया।