रायगढ़: प्रिजमो ग्रुप की ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट परियोजना का विरोध, पर्यावरण बचाने उमाबदन सेवा समिति ने कसी कमर

रिपोर्ट - आँजनेय पाण्डेय, 91317 22330

रायगढ़ (स्वाभिमान न्यूज़)। औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच टकराव ने रायगढ़ को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। 23 दिसंबर 2024 को प्रस्तावित मेसर्स प्रिजमो स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड के ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट की जनसुनवाई को लेकर स्थानीय रहवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय उमाबदन सेवा समिति इस परियोजना के खिलाफ रैली निकालकर जनसुनवाई स्थल पर जोरदार विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।


प्रतीकात्मक तस्वीर

रायगढ़ पहले से ही औद्योगिक प्रदूषण का बड़ा शिकार है। इस जिले की हवा और जल गुणवत्ता चिंताजनक स्तर तक गिर चुकी है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना है कि नए स्टील प्लांट के आने से स्थिति और बिगड़ जाएगी। उमाबदन सेवा समिति के अनुसार, औद्योगिक परियोजनाओं के लिए तैयार की गई पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ईआईए) रिपोर्ट वास्तविकता से कोसों दूर होती है। समिति का दावा है कि यह रिपोर्टें केवल उद्योगों को स्वीकृति दिलाने के लिए तैयार की जाती हैं, न कि पर्यावरण संरक्षण के लिए।


स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की प्रमुख चिंताएं

1. वायु और जल प्रदूषण : स्टील प्लांट से निकलने वाला धुआं और औद्योगिक कचरा न केवल वायु गुणवत्ता खराब करेगा, बल्कि जल स्रोतों को भी प्रदूषित करेगा। इससे स्थानीय जल संकट और गहरा सकता है।

2. वन्यजीवन पर खतरा: परियोजना स्थल के आसपास के वन क्षेत्र, जो वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास हैं, इस प्लांट से प्रभावित होंगे। प्रदूषण और शोर के कारण वन्यजीवों पर गंभीर खतरा मंडराएगा।

3. ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर असर: औद्योगिक प्रदूषण से वायु और जल की गुणवत्ता में गिरावट आएगी, जिसका सीधा असर स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा।


क्या है प्रस्तावित परियोजना?

मेसर्स प्रिजमो स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट के तहत निम्न इकाइयों की स्थापना की जाएगी:

डीआरआई किल्न्स: 3,63,000 टीपीए

इंडक्शन फर्नेस: 2,64,000 टीपीए

रोलिंग मिल्स और कोल वाशरी यूनिट

पावर प्लांट: 50 मेगावाट

ईंट निर्माण इकाई


विरोध की तैयारियां

23 दिसंबर 2024 को प्रस्तावित जनसुनवाई के दौरान उमाबदन सेवा समिति और ग्रामीण जनसुनवाई स्थल पर रैली निकालेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। समिति ने स्पष्ट किया है कि जब तक पर्यावरण संरक्षण के नियमों का सख्ती से पालन नहीं होता, तब तक वे किसी भी नई परियोजना का समर्थन नहीं करेंगे।


प्रशासन पर लगे अनदेखी के आरोप

स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर उनकी समस्याओं को अनदेखा करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासन केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रहा है और पर्यावरणीय नुकसान और ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों की अनदेखी कर रहा है।


विकास बनाम पर्यावरण संरक्षण का संघर्ष

रायगढ़ में ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट की यह खींचतान औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को उजागर करती है। 23 दिसंबर को होने वाली जनसुनवाई में ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों की चिंताओं को कितनी गंभीरता से लिया जाएगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। क्या प्रशासन विकास और पर्यावरण के बीच सामंजस्य स्थापित कर पाएगा? या रायगढ़ की जहरीली हवा और जल संकट और गंभीर हो जाएगा?

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !