पिथौरा (स्वाभिमान न्यूज़)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा अपने बदहाल व्यवस्था को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। यहां सीबीसी मशीन के खराब होने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। भले ही छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करें लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है। सीबीसी मशीन के खराब होने के कारण रक्त की जांच नहीं हो पा रहा है। लिहाजा लोगों को मजबूरन निजी पैथोलॉजी लैब का सहारा लेना पड़ रहा है।
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फ़ोटो इंटरनेट से लिया गया |
सीएचसी पिथौरा का सीबीसी मशीन पिछले 8 दिनों से खराब होने के कारण बंद पड़ा है। जिसके कारण अस्पताल में खून की जांच नहीं हो पा रही है। क्योंकि सीबीसी मशीन से ही टीएलसी, डब्ल्यूबीसी, आरबीसी, एमसीएच, एमसीवी, प्लेटलेट्स आदि की जांच की जाती है। तथा इस मशीन से यह पता चलता है कि खून में कोशिकाओं की संख्या सामान्य से कम है या अधिक है। लेकिन यहां पदस्थ अधिकारियों की अनदेखी के कारण मशीन पिछले 8 दिनों तक नहीं सुधर पाया , लिहाजा लोग मायूस होकर निजी पैथोलॉजी लैब का सहारा ले रहे हैं। जहां इस जांच के लिए 350 रुपए तक का चार्ज लिया जा रहा है।
वायरल फीवर का प्रकोप , अस्पताल में मरीज बढ़े
क्षेत्र में इन दोनों वायरल फीवर का प्रकोप चल रहा है। इसके चपेट में कई लोग आ रहे हैं। बुखार की जांच के लिए मलेरिया एवं टाइफाइड के अलावा सीबीसी मशीन से भी जांच की जाती है। लेकिन यहां यह मशीन पिछले 8 दिनों से खराब है जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल के अव्यवस्थाओं के कारण लोग अब सरकारी अस्पताल को कम पसंद करने लगे हैं। और अधिक रुपए खर्च कर प्राइवेट अस्पताल में इलाज करना पसंद कर रहे हैं। जब हमने बीएमओ डॉ. तारा अग्रवाल से चर्चा किया तो उन्होंने कोई संतोषपूर्ण जवाब नहीं दिया। लिहाजा मरीज अब भी दर - दर के ठोकर खाने को मजबूर हैं।
नेताओं का इस ओर कोई ध्यान नहीं
राजनीति में हमेशा लोगों को अच्छी सड़क, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात की जाती है। लेकिन सरकार बनने के बाद कोई भी नेता सरकारी अस्पताल का जायजा लेने नहीं पहुंचते। लिहाजा अस्पताल के अव्यवस्थाओं पर किसी का नजर नहीं पड़ता। छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा का चुनाव होने हैं। ऐसे में अब जनता ही तय करेगी कि नेताओं का झूठ इस बार और नहीं चलेगा।