रिपोर्ट - ललित मुखर्जी, 91111 94424
पिथौरा (स्वाभिमान न्यूज़)। इन दिनों पिथौरा तहसील क्षेत्र में सरकारी जमीनों के खरीदी - बिक्री और नामातंरण का खेल जोरों पर चल रहा है। यहां भूमाफियाओं के साथ अधिकारियों की साठगांठ के कारण सरकारी जमीन खतरे में हैं। जल्द इन भ्रष्ट अधिकारियों पर प्रशासन का चाबुक नहीं चला तो पूरी शासकीय मद की जमीन निजी व्यक्तियों के नाम हो जाएगी। जिससे आने वाले समय में देश को बड़ा खतरा हो सकता है।
पिथौरा तहसील कार्यालय में बेख़ौफ़ हो रहा सरकारी जमीन का नामातंरण
पिथौरा तहसील क्षेत्र हमेशा से ही जमीन घोटाला मामले में अव्वल रहा है। लेकिन अभी वर्तमान में यहां के शासकीय जमीनों पर संकट मण्डरा रहा है। भूमाफियायों के साथ अधिकारी मिलकर छोटे झाड़ के जंगल मद , बड़े झाड़ के जंगल मद एवं सीलिंग एक्ट की जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर बंदरबांट करने में लगे हुए हैं। मिसल , बी 1 एवं पुराने नामान्तरण पंजी में स्पष्ठ रूप से शासकीय मद की जमीन उल्लेखित के बाद भी खरीदी बिक्री हो रही है। नामातंरण के समय आपत्ति प्रस्तुत करने के बावजूद तहसीलदार नितिन ठाकुर द्वारा भूमाफियाओं के पक्ष में फैसला कर रहे हैं । इससे बड़े पैमाने पर भूमाफियाओं को लाभ मिल रहा है।
सीलिंग एक्ट के जमीन का हुआ नामान्तरण
हाल ही में पिथौरा तहसील के ग्राम गिरना के खसरा क्र. 62/2 का नामान्तरण किया गया जबकि यह जमीन सीलिंग एक्ट की जमीन थी। इस जमीन के नामान्तरण पर आपत्ति भी प्रस्तुत की गई थी, सीलिंग एक्ट से सम्बंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किये गए थे बावजूद इसके नामान्तरण कर दिया गया। इस जमीन का सालभर में 3 बार खरीदी - बिक्री हुई है। इसी प्रकार वर्तमान तहसीलदार नीतिन ठाकुर द्वारा ग्राम शंकरपुर के खसरा क्र. 103 जो कि बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज था उक्त जमीन को गैर कानूनी ढंग से नामान्तरण कर दिया गया।
ये है बड़े झाड़ का जंगल, गया नामातंरण होने
वहीं बड़ी खबर यह है कि ग्राम खैरखुटा में स्थित बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज भूमि खसरा क्रमांक 388/5 जो मिसल एवं बी 1 में स्पष्ट रूप से बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज उल्लेखित होने के बाउजूद इसके प्रकरण चलाया जा रहा है । अगर सरकारी जमीन की खरीदी बिक्री तथा नामातंरण नहीं रुका तो देश को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।
एक घोटाला यह भी
तहसीलदार नितिन ठाकुर का कार्यप्रणाली हमेशा सुर्खियां बटोरते रहते हैं, खरीब वर्ष 2024 में जाड़ामुड़ा धान खरीदी केंद्र करीब फर्जी रकबा बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये की धान की खरीददारी किया गया । सीधा सरकार के खजाने को लूटा गया। इस मामले में पड़ताल से जानकारी मिला कि 30 अक्टूबर के बाद तहसील मॉड्यूल से फर्जी रकबा की बढ़ोतरी किया गया है।
खैरखुटा मामले में तहसीलदार नितिन ठाकुर का कहना है कि पटवारी प्रतिवेदन नहीं आया है। शासकीय जमीन है तो प्रकरण खारिज किया जाएगा। सरकारी जमीनों की नामातंरण नहीं किया जाएगा।
नितिन ठाकुर, तहसीलदार पिथौरा