बया/पिथौरा (स्वाभिमान न्यूज़)। बलौदाबाजार जिले के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बया अंतर्गत आने वाले धान खरीदी केंद्र में जमकर घोटाला किया गया है। यहां खुलेआम बोगस धान खरीदी की गई है। ताज़ा मामला धान खरीदी केंद्र रिकोकला का है ।
जहां खरीब वर्ष 2023-24 में जमकर घोटाला किया गया है। यहां धान की बेहद कमी है। राईस मिलर्स से लेनदेन कर मामला को सुलझाया जा रहा है।
हाइलाइट्स
- 1455 बोरी धान की कमी
- भूसा , रस्सी , त्रिपाल खरीदने के नाम पर घोटाला
- मजदूरी (हेमालि) भुगतान में घोटाला
- पूर्व में राशन घोटाला में हुआ सस्पेंड
- स्वंय व पत्नी के खाते में राशि का अंतरण
छत्तीसगढ़ प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता है। लेकिन यहां आए दिन धान खरीदी में घोटाले सामने आ रहे हैं। कुछ नियतखोर लोग इस घोटाले को बेहद ही शातिराना तरीके से अंजाम दे रहे हैं। धान खरीदी केंद्र रिकोकला में 1455 बोरी धान की कमी है। फड़ में धान का एक दाना भी नहीं है। इससे पहले इस धान खरीदी केंद्र में करीब 3000 बोरी धान की कमी था लेकिन राईस मिलर्स से सेटिंग कर लिया गया। लिहाजा अब 1,455 बोरी धान की कमी है।
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि यहां पदस्थ समिति प्रबन्धक अपनी ऊंची पहुंच होने का हवाला देते हैं। और इनका मनोबल सातवें आसमां पर है। इनके द्वारा एक से बढ़कर एक अनेकों घोटालों को लगातार अंजाम दिया जा रहा है। सूत्र बतातें हैं कि सहकारी विभाग के अधिकारियों को भी सेट किया जाता है। नीचे से लेकर ऊपर तक मैनेज कर इस तरह के घोटाले को अंजाम दिया जाता है।
भूसा खरीदी में घोटाला
इस धान खरीदी केंद्र में हजारों क्विंटल भूसा खरीदी का घोटाला उजागर हुआ है। भूसा, त्रिपाल, एवं रस्सी खरीदने तथा मजदूरी/हेमालि भुगतान करने के नाम से लाखों रुपये समिति प्रबन्धक चेतन डड़सेना एवं उनकी पत्नि के व्यक्तिगत खाता में ट्रांसफर किया गया है। जबकि भूसा का एक कतरा भी इस वर्ष इस मंडी में नहीं लाया गया है।
स्वाभिमान न्यूज़ को मिली जानकारी अनुसार चेतन डड़सेना सेल्समैन के पद से समिति प्रबन्धक के पद तक का सफर तय किए हैं। पूर्व में चेतन डड़सेना को गरीबों के चावल गबन मामले में सस्पेंड किया गया था।किन्तु चढ़ावा एवं नेताओं के सम्पर्क से बड़े नेताओं के पास गुहार लगाकर समिति प्रबन्धक का पद हांसिल कर लिया और अब बड़े - बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है।
नियमविरुद्ध निकाली राशि
कृषि साख सहकारी समिति पंजीयन क्रमांक 198 के प्रभारी समिति प्रबंधक के द्वारा फिक्स डिपॉजिट को तोड़कर नियम विरुद्ध तरीके से राशि का आहरण किया गया है, जो किसानो से ऋण लेते समय अमानत राशि के तौर पर ली जाती है। और समिति के खाते में जमा किया जाता है। उस अमानत राशि को निकालना यानि समिति को घाटे में डालना है। राशि आहरण के लिए कोई ठोस वजह न हो तब तक राशि आहरण नही किया जा सकता राशि के आहरण एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जिला सहकारी बैंक बया के मैनेजर माधव लाल नायक भी जिम्मेदार हैं उच्च स्तरीय जांच होने पर तमाम भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के पोल खुलेगी।
करोड़ो की है इनकी सम्पत्ति
12 हजार रुपये मासिक नौकरी करने वाले सेल्समैन के पास करोड़ो रूपये के अनुपातहीन सम्पत्ति है। इनके द्वारा स्वयं एवं उनकी पत्नी के नाम पर लक्जरी कार, ग्राम रिकोकला में बेसकीमती बेसकीमती प्लॉट दर्ज है। जिसकी जांच होने पर और कई खुलासे हो सकती है।